।। आचार्य हिमांशु गौड़ के संस्कृतकाव्यों में गणेशस्तुति ।। 〠〠〠〠〠〠 मेरे अभी तक लिखे लगभग १५ काव्यों में (१० प्रकाशित और ५ अप्रकाशित) प्रत्येक में प्रायः भगवान् गणेश की वन्दना या उल्लेख किया गया है । तथा अलग से श्रीगणेशशतकम् तो लिखा ही है । इसमें अनेक छन्द हैं, १०१ श्लोक हैं । जो लोग गणेशशतकम् प्राप्त करना चाहते हैं, वे True Humanity Foundation , Ghaziabad की वेबसाइट पर ईमेल करके मंगवा सकते हैं । गणेशशतकम् में भक्तिभाव का प्रामुख्य है । इसमें किस स्तर के श्लोक हैं, यह आप , इन कुछ अधोलिखित श्लोको से जान सकते हैं, ऐसा नहीं है, क्योंकि इसे लिखने में मुझे ६ वर्ष लगे, २०१५ में लिखना शुरु किया था, अतः इसका प्रत्येक श्लोक एक नए भाव के साथ अपने स्वरूप का आपके हृदय में विस्तार करता हुआ गणेशायमान होगा । गणेशशतकम् के कुछ श्लोक - भक्तिभ्राजितलोकशोकहरणस्संलोक्य मज्जीवनम् दन्तिन् ! ब्राह्मणबालकस्य तनुतां भूयो महामङ्गलम् सद्यो विघ्नगणान् विनश्य गणराट् ! सम्राड्जनं मां कुरु यस्माद्यौवनपुष्पसौरभमनास्स्यां त्वत्समर्चाकरः।। २२।। भक्ति से शोभित लोग ों का शो क...