Tuesday, 6 August 2019

कलौ विप्रा: ।। हिमांशु गौड़।। संस्कृत श्लोक।।

कलौ विप्रास्तपोहीनाश्शापं दातुं न सक्षमाः।
अतो दुष्टाः प्रवर्धन्ते बिभ्यतीह न मानुषाः।।
- कलियुग में ब्राह्मण तप से हीन हैं, शाप दे नहीं सकते इसलिए दुष्ट लोग बढ़ रहे है, और लोग ब्राह्मण से डरते नहीं हैं ।।
अन्यथा दुर्वासा ऋषि ने सबको शाप दे दे कर तप की शक्ति का वर्चस्व दिखा दिया था ।।

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