साहित्यशास्त्र के लोगों के ,
लिए कवे! तुम मम्मट हो
वैदिक लोगों के लिए सदा
निश्चय ही तुम उव्वट हो
शब्द शास्त्र की सभा जहां
होती हो सिंह दहाड़ों से ,
नागेश नहीं , ना भट्टोजी ,
तुम कैयट कैयट कैयट हो !!!
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