क्या आपने गणेशलोक में जाकर वक्रतुण्ड के शयनकक्ष में सफेद कनेर के फूलों के इत्र का छिड़काव किया है??
क्या आपने विष्णु मंदिर में जाकर जगह-जगह तुलसी की मंजरियां लगाई है जिससे तुलसी की गंध वहां महकती रहे??
क्या आपने शिवलोक में जाकर सफेद कनेर के फूलों का गुलदस्ता , और बेलपत्र और भांग की पत्तियां वहां पर सजाई है ?
क्या आपने देवीलोक में जाकर जगह-जगह गुलाब के फूलों की मालाएं टांगी हैं?
क्या आपने वरुणसूक्त के मंत्रों
से वरुण देवता को आहुति दी है??
क्या आपने गुलाब के फूलों को शहद में डुबोकर उनसे महामृत्युंजय भगवान का हवन किया है??
क्या आपने नीम की लकड़ी से निर्मित गणेश जी की मूर्त्ति की लोबान जलाकर पूजा की है??
क्या आपने पूरे आषाढ़ के महीने किसी विशेष मंत्र का निर्जन जंगल में जाकर जाप किया है??
क्या आप जानते हैं पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र अगर शुक्रवार के दिन हो तो उस दिन किस मंत्र का जाप करने से सिद्धि मिलती है??
क्या आप जानते हैं कि ऊपर कही हुई प्रत्येक बात में कितने रहस्य छुपे हुए हैं??
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