हे देवदूत! हे पटवर्धन!
ज्योतिषाचार्य! हे सुखवर्धन!
शास्त्रों के शुभ व्याख्याता हे!
हे हरिचरित्र-प्रीतिवर्धन!१!
ज्योतिषाचार्य! हे सुखवर्धन!
शास्त्रों के शुभ व्याख्याता हे!
हे हरिचरित्र-प्रीतिवर्धन!१!
रामायण-पण्डित! वेददक्ष!
साहित्यतत्त्वभाषणविदक्ष!
बाबागुरु-आश्रमवास-कक्ष!
नतमस्तक हम तुम्हरे समक्ष !!२!!
साहित्यतत्त्वभाषणविदक्ष!
बाबागुरु-आश्रमवास-कक्ष!
नतमस्तक हम तुम्हरे समक्ष !!२!!
गङ्गाजल-तुलसी-प्रीतिमान्!
हे गीता-गौरव! गुरु! महान्!
हे हास्य-विनोदकर:! सुजान!
हम गाते तव यश विमल गान।।३।।
हे गीता-गौरव! गुरु! महान्!
हे हास्य-विनोदकर:! सुजान!
हम गाते तव यश विमल गान।।३।।
नरवरनिवास! नरवरसुहास!
फैलाते तुम भाग्य-प्रकाश!
जन-गण-मन-नायक!भावभाष!
प्रतिभाप्रोज्ज्वल!शुभ सद्विकास !!४!!
फैलाते तुम भाग्य-प्रकाश!
जन-गण-मन-नायक!भावभाष!
प्रतिभाप्रोज्ज्वल!शुभ सद्विकास !!४!!
हे शास्त्र-सुप्रत्यय-विनय!
हे विबुध-नय! हे अनामय!
बटुवृन्दवन्दित! शान्तिमय!
हरिधामगामिन्! विष्णुमय !!५!!
हे विबुध-नय! हे अनामय!
बटुवृन्दवन्दित! शान्तिमय!
हरिधामगामिन्! विष्णुमय !!५!!
हम आपके दिवगमन पर
कर रहे श्रद्धाशब्दपर-
वाणी से जय-जयकार ते,
गोलोकसुख! हे तत्त्वपर !!६!!
*****
हिमांशु गौड़
११/५८ रात्रि,०९/०२/२०२०
गाजियाबाद।
https://www.dbwstore.com/product-category/all-products/
कर रहे श्रद्धाशब्दपर-
वाणी से जय-जयकार ते,
गोलोकसुख! हे तत्त्वपर !!६!!
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हिमांशु गौड़
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गाजियाबाद।
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